Michhami Dukkadam SMS and Wishes pictures in Hindi
पर्युषण यह जैन धर्म का महापर्व होता है। पर्युषण का आखरी दिन संवत्सरी महापर्व कहलाता है। संवत्सरी महापर्व को क्षमापना दिवस भी कहा जाता है। एकमात्र जैन धर्म ही ऐसा है जिसमें क्षमा का सूक्ष्म विचार किया गया है। यह क्षमा सिर्फ मनुष्य मात्र से ही नही, बल्कि सभी जीव जैसे आंखों से न दिखनेवाले सूक्ष्मातिसूक्ष्म जीव, वनस्पति, यहाँतक की पृथ्वी, वायु, जल, अग्नि आदि एकेन्द्रिय पंचतत्व जीवों से लेकर पंचेन्द्रिय जीव, सभी प्राणिमात्र के प्रति व्यक्त की जाती है।
कहाँ जाता है, की ” क्षमा जीवन का सार है।” क्षमा करना व क्षमा माँगना इतना सहज नही होता है। इसीलिए कहते है “क्षमा वीर का भूषण है। ” अहिंसा का आधार दया, करुणा एवम क्षमा होता है। अहिंसा यह जैन धर्म का सिद्धांत है।
अगर जाने अनजाने हमारे वजह से किसीका हृदय दुखता है एवं हम उसे क्षमा नही मांग सकते,तो क्षमापर्व के इस पावन दिन हमे सारे गीले शिकवे भुलाकर क्षमायाचना जरूर करना चाहिए। क्षमा मांगना यह सॉरी बोलने सॉरी बोलने से कहीं अधिक बढ़कर है क्योंकि इसमें सिर्फ सॉरी कहा नहीं जाता बल्कि मन वचन और काया से शुद्ध अंतकरण से क्षमा याचना की जाती है। क्षमा याचना हर किसी से की जाती है चाहे वह हमारे हमसे उम्र में छोटा हो या बड़ा हमें हमारा ईगो याने अहंकार अहंकार को बाजू में रखकर तहे दिल से क्षमायाचना करनी चाहिए एवं क्षमा प्रदान करनी चाहिए।
मिच्छामी दुक्कडम का सही अर्थ होता है कि हुए हुए पापों की आलोचना करना तथा भविष्य में ऐसी पापकर्म ना हो इस लिए सजग रहना यह होता है। मिच्छामी दुक्कड़म कहने से हमारा अंतकरण शुद्ध होता है। ह्रदय का बोझ कम होता है साथ ही रिश्तो में भी प्रगाढ़ता आती है।
आज हम इस लेख द्वारा मिच्छामि दूक्कड़म के मैसेजेस आप सभी पाठकों के लिए ला रहे है, जिससे अपने हृदय के भावों को व्यक्त करने में आप सभी को आसानी होगी।
मिच्छामि दुक्कड़म।।

पर्युषण एवं मिच्छामि दुक्कडम मैसेज और फोटो
Michhami Dukkadam SMS and Wishes Pictures in Hindi
1.

विगत वर्ष के 365 दिनों में यदि जाने अनजाने में हमने
आपका कोमल ह्रदय दुखाया हो तो हम आपसे
करबध्द होकर क्षमायाचना करते हैं !
2.

छोटासा संसार, गलतिया अपार !
आपके पास है क्षमा का अधिकार,
कर लीजिये निवेदन हमारा स्वीकार !!
3.

जीवन यात्रा में चलते चलते,
स्वार्थ, मोह, अज्ञानवश हुई भूलों के लिए,
स्वच्छ ह्रदय से क्षमायाचना करते हुए ,
हम आपके स्नेह मैत्रीभाव की कामना करते हैं !
मिच्छामि दुक्कडम !!
4.

१० मन के, १० वचन के १२ काया के इन ३२ दोषो में.
जाने अनजाने कोई दोष लगा हो,
जिससे आपका कोमल ह्रदय दुखाया गया हो,
तो सच्चे ह्रदय से क्षमा याचना करते हैं।
5.

नवकार मेरा मन्त्र हैं !
जैन मेरा धर्म हैं !
गुरु मेरा प्राण हैं !
मोक्ष की मुझे आस हैं !!
6.

धूल अगर चाहे तो अबीर हो जाये,
रेशम अगर चाहे तो जंजीर हो जाए !
आवश्यकता है आदर्शों के परिपालन की !
इंसान अगर चाहे तो महावीर हो जाए !!
7.

इस छोटीसी जिंदगी में,
आपसे छोटी सी मुलाकात में,
कभी भी कही भी, जाने अनजाने में,
मेरे द्वारा हुई भूल के लिए,
ह्रदय से क्षमायाचना !!
मिच्छामि दुक्कड़म !!
8.

हुआ ह्रदय आहत कभी,
विचार वाणी या व्यव्हार से !
मन को हुआ हो क्लेश कभी,
कुलषित कुंठा के ज्वार से !
अनबन, अवगुण क्रोध सभी,
मानवता में दूषण हैं !
क्षमा कीजिये सरल हृदय से
क्षमा वीर का भूषण हैं !! 9.

पेन से नहीं, प्रेम से !
होठ से नहीं, हृदय से !
अक्षर से नहीं, अंतर् से !
शब्द से नहीं, स्नेह से !
मन, वचन, काया से
मिच्छामि दुक्कडम !!
10

तप अगर हम कर न सके तो,
तप का बहुमान कर के देखो।
कट जायेंगे कर्म भी उससे,
तपस्वी की अनुमोदना कर के देखो।
11

तप ही आत्मा का असली चन्दन हैं।
तप करने वालो को देवता भी करते वंदन हैं।
क्या गुणगान करू इन तपस्वी आत्माओं का,
तप की राह पर चलने वाले तपस्विओं का हार्दिक अभिनन्दन !!
12

पुरे बरस मेरे द्वारा जाने अनजाने में,
बोल चला में, हंसी मजाक में,
आमने सामने या फोन पर,
आपका मन दुखाया हो,
गलत किया हो या गलत लगा हो,
मन वचन एयर काया से आप सभी को
मिच्छामि दुक्कडम !! 13.

मेरे अहंकार से यदि मैंने किसी को निचा दिखाया हो,
मेरे क्रोध से यदि किसी को दुःख पहुंचाया हो,
मेरे ना से किसी की सेवा में, दान में बाधा आयी हो,
मेरे हर एक कणकण से जो मैंने किसी को निराश किया हो,
मेरे शब्दों से जो किसी के ह्रदय को ठेस पहुंचाई हो,
जानेअनजाने में यदि में आपके कष्ट का कारण बना हु,
तो मैं मेरा मस्तक झुकाकर, हाथ जोड़कर,
सहृदय आपसे क्षमायाचना करता हूँ !!
मिच्छामि दुक्कडम !!
आशा है, आपको यह जैनो के महापर्व पर्युषण और मिच्छामि दुक्कडम से जुड़े SMS, Message अच्छे लगे होंगे और इसे आप share भी करेंगे !